Saturday 16 April 2016

Festival of Gangaur

गणगौर (Gangaur) का पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं. होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो कुमारी और विवाहित और नवविवाहित महिलाएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं और चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं. इसके बाद दूसरे दिन शाम को उनका विसर्जन कर देती हैं. यह व्रत विवाहित महिलाएं पति का प्‍यार और स्‍नेह पाने के लिए करती हैं. इस व्रत को करने से कुवांरी लड़कियों को उत्तम पति मिलता है और सुहागिनों का सुहाग अखण्ड रहता है

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